अध्याय 77 कल रात...

रंगे हाथ पकड़े गए!

जैनी की आंखें सदमे से चौड़ी हो गईं। "मिस्टर हॉलैंड, लेला के कमरे से बाहर आते हुए? मैं छेद से देख रही थी—नहीं, नहीं, मैंने गलियारे में कोई आवाज़ नहीं सुनी।"

लेला की खोपड़ी में घबराहट की लहर दौड़ गई; वह कोई बहाना नहीं ढूंढ पाई और सिर्फ सैमुअल की ओर एक विनती भरी नजर डाल सकी, जो पूर...

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